हो गई है पीर पर्वत-सी हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने...

मत कहो, आकाश में कुहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है। सूर्य हमने भी नहीं देखा सुबह से, क्या करोगे,सूर्य का क्या देखना है। इस ...
नर हो न निराश करो मन को कुछ काम करो कुछ काम करो जग में रहके निज नाम करो यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो कुछ तो उप...
शांति छिन्न भिन्न हो, हृदय भले खिन्न हो, जीवन के अँधेरे-उजास में, असफल प्रयास में, आस पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं | ...
अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो। मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो। नील गगन की नील कमलिनी, ...
Main mazdoor mujhe devon ki basti se kya? Aganit baar dharaa par maine swarg banaye! Ambar par jitne taare, utane varshon se, Mere p...
Shiv Mangal singh Suman
खूनी हस्ताक्षर वह खून कहो किस मतलब का जिसमे उबाल का नाम नहीं, वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं. वह खून कहो किस मतलब क...
झाँसी क रानी संहासन हल उठे राजवंश ने भृकुट तानी थी, बूढ़े भारत म आई #फर से नयी जवानी थी, गुम...