शांति छिन्न भिन्न हो, हृदय भले खिन्न हो, जीवन के अँधेरे-उजास में, असफल प्रयास में, आस पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं | ...

शांति छिन्न भिन्न हो, हृदय भले खिन्न हो, जीवन के अँधेरे-उजास में, असफल प्रयास में, आस पराजित नहीं है, और अपराजिता हूँ मैं | ...
अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो। मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो। नील गगन की नील कमलिनी, ...